Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2017 · 1 min read

कभी

कभी गुजरना तुम भी मन के उस कोने से,
विलखता है ये पल-पल, तेरे हो के भी ना होने से…

कुछ बीत चुके दिन सा है…
तेरा मौजूदगी का अनथक एहसास!
हकीकत ही हो तुम इक,
मन को लेकिन ये कैसे हो विश्वास?
कभी चुपके से आकर मन के उस कोने से कह दो,
इनकी पलकों से ये आँसू यूँ ही ना बहने दो।

माना कि बीत चुका कल ….
फिर वापस लौट सका है ना मुड़कर,
पर मन का ये गुमसुम सा कोना,
अबतक बैठा है बस उस कल का होकर,
कहता है ये, वो गुजरा वक्त नहीं जो फिर ना आएंगे,
वापस मेरी गलियों में ही वो लौट कर आएंगे।

कल के उस पल में था जीवन…
नृत्य जहाँ करते थे जीवन के हर क्षण,
गूँज रही है अब तक वो तान,
रह रह कर गीत वही दोहराता है वो कोना,
सांझ ढले, दोबारा धुन वही सुनने को तुम आ जाना,
कोई बहका सा सुर बहकी साँसों में भर जाना।

यूँ गुजरना तुम कभी मन के उस कोने से,
विलखता है ये पल-पल, तेरे हो के भी ना होने से…

Language: Hindi
541 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा -स्वागत
दोहा -स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राहत के दीए
राहत के दीए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
Shweta Soni
💐प्रेम कौतुक-560💐
💐प्रेम कौतुक-560💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
*Author प्रणय प्रभात*
सुखम् दुखम
सुखम् दुखम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा आंगन
मेरा आंगन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
23/142.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/142.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हवाएँ
हवाएँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दो कदम का फासला ही सही
दो कदम का फासला ही सही
goutam shaw
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
*जरा सोचो तो जादू की तरह होती हैं बरसातें (मुक्तक) *
*जरा सोचो तो जादू की तरह होती हैं बरसातें (मुक्तक) *
Ravi Prakash
जिंदगी का मुसाफ़िर
जिंदगी का मुसाफ़िर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
'अशांत' शेखर
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
Ram Krishan Rastogi
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
संजय कुमार संजू
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
Vicky Purohit
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
Loading...