Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2018 · 1 min read

कभी हँसाती है जिन्दगी

कभी हमको हँसाती है कभी हमको रूलाती है
मिलन के गीत गाकर जिन्दगी तुझको पास लाती है

गुजरती हूँ गमों की छाँव हो जब ऐ जिन्दगी
सकूने तख्त भी मेरे लिए तू ही बिछाती है

नजर जब जब पड़ी अपनों पे सारे बेरहम दिखते
तभी तू पास आकर जिन्दगी मुझ पर लुटाती है

उठी है पीर दिल मेरे किसी की याद में ऐसी
विरह की अग्नि सुलगा दर्द अनुपम जगाती है

विद्यापति ने सुनाई कृष्ण राधे की बयानी जो
नये नित भाव भर कर के लगन वो ही लगाती है

74 Likes · 425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
Sukoon
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
Ram Krishan Rastogi
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
न छीनो मुझसे मेरे गम
न छीनो मुझसे मेरे गम
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जीने की राह
जीने की राह
Madhavi Srivastava
"दुविधा"
Dr. Kishan tandon kranti
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
Ravi Prakash
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
Slok maurya "umang"
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पिता
पिता
Swami Ganganiya
2656.*पूर्णिका*
2656.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
■  आज का लॉजिक
■ आज का लॉजिक
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
The_dk_poetry
खाटू श्याम जी
खाटू श्याम जी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
Gouri tiwari
Loading...