Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।

कभी संभालना खुद को नहीं आता था,
पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।
कभी तो हल्की बातों से भी मन भर जाता था,
और हादसों ने हसीं का क़र्ज़, होठों पे लगा दिया।
कभी रात का ख्याल, नींदों को साथ लाता था,
पर इस लम्बी अमावस ने, दिन के उजालों का सपना जला दिया।
कभी बरसात में बेफ़िक्री का आलम गुनगुनाता था,
और ज़िन्दगी ने धूप में जलते पावों, को मुक्क़दर में सजा दिया।
कभी गुलमोहर भी सुकून की छाँव दिया करता था,
और ज़िन्दगी ने उसकी खुशबू को भी साँसों से चुरा लिया।
कभी एक वादा जो ज़िन्दगी भर निभाया जाता था,
ज़िन्दगी ने पलभर में, पलों से हीं उसका सौदा भी सीखा दिया।
कभी यादों को खुद से जुदा करना नहीं आता था,
और ज़िन्दगी ने उन यादों को हीं हमारा दुश्मन बना दिया।
कभी जिन एहसासों को जहन में सहेजा जाता था,
ज़िन्दगी ने शब्दों की स्याही से क्या खूब उनका रिश्ता बना दिया।

1 Like · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
दिल-शिकन वादा-शिकन
दिल-शिकन वादा-शिकन
*प्रणय*
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
ज़िंदगी तुझसे
ज़िंदगी तुझसे
Dr fauzia Naseem shad
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
जमाना खराब हैं....
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
4642.*पूर्णिका*
4642.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नस नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
Dr Archana Gupta
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
पानी का संकट
पानी का संकट
Seema gupta,Alwar
यही है मेरा संसार
यही है मेरा संसार
gurudeenverma198
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
Rj Anand Prajapati
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...!
पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...!
VEDANTA PATEL
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
"अपना "
Yogendra Chaturwedi
"बहाव"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...