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31 Jul 2019 · 1 min read

कभी रूठते वो

होती रहती है
अनबन
मत लो इसे
अन्तर्मन में
उसने बोला
हमने बोला
बस बात करो
यहीं खत्म

मत बुरा मानों
अपने अपनों का
कभी प्यार से तो
कभी दुलार से
डांटते है अपना समझ
मत लो मन में
यह तो है थोड़ी सी
अनबन

पडती है महंगी
अनबन पत्नी से
रखना है अगर
शांति घर में
बस मानों बात
उसकी तुरंत

बनाओ मत
अह॔ का विषय
अनबन को
जीवन में है
ये पानी सा
बुलबुला
आने और
जाने दो

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
348 Views
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