कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
आज मोहब्बत के लिए तरसता हू
ये मंजर भी अब आया है
उसके जाने के बाद
जिसे जान से भी ज्यादा मानता था
तु आ जा मेरे दिल में समा जा
तुझे पहले से भी ज्यादा प्यार करूँगा
कभी तुमसे दूर होने को सोचा नही था
ऋतुराज