कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
उम्मीद में लोग बेक़रार हो जाते!
कभी हॅंस कर जो बोल देती हो
सच, कितने लोग बर्बाद हो जाते!
क्यूॅं नहीं सॅंभल कर तू रहती हो,
जो भटके लोग आबाद हो जाते!
…. अजित कर्ण ✍️
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
उम्मीद में लोग बेक़रार हो जाते!
कभी हॅंस कर जो बोल देती हो
सच, कितने लोग बर्बाद हो जाते!
क्यूॅं नहीं सॅंभल कर तू रहती हो,
जो भटके लोग आबाद हो जाते!
…. अजित कर्ण ✍️