कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
हम भूल गए खुद को जबसे आपको देखा
कहती हैं दुनिया चाँदनी, तो है चाँद से होती
हमको लगा बस झूठ ही, जब आपको देखा
हम भूल गए खुद को
कहते हैं प्यार किसको, ये हमको खबर न थी
जाना है दिल की मर्ज को जब आपको देखा
हम भूल गए खुद को
रहता है चेहरा आपका, हर पल ही सामने
भूले खुदा की रहमत हम, जब आपको देखा
हम भूल गए खुद को
काई खयाल आता नहीं, बस आपके सिवा
खोया है चैन दिल हमने, जबसे अपको देखा
हम भूल गए खुद को
मर जाऊँ तुझपे जिंदगी, कर जाऊंगा फ़नाह
‘V9द’ यही सोचा था बस, जब आपको देखा
हम भूल गए खुद को
स्वरचित
V9द चौहान