# कभी कांटा , कभी गुलाब ……
# कभी कांटा , कभी गुलाब ……
रह गई ,
जिंदगी अब तो
कभी कांटा ,
कभी गुलाब ….!
उलझी हुई ,
इस कहानी के
एक पात्र हैं ,
मैं और आप ….!
रह गए ,
दिल में
कससमसाते हुए ,
कुछ अधूरे ख्वाब ….!
हैं कुछ ,
सवाल अधूरे ,
कुछ बाकी ,
अधूरे जवाब ….!
तन्हाई भरी महफिल
जिंदगी अब तो
कभी कांटा
कभी गुलाब ….!
चिन्ता नेताम ” मन ”
नगर पंचायत डोंगरगांव
जिला राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़ )