कभी कभी प्रतीक्षा
कभी कभी प्रतीक्षा
एक भटकाव है
एक भ्रम है
भूल है
जो एकतरफा है
वो घातक है
जो घातक है वो तत्क्षण त्यागने योग्य है
क्योंकि
वो किसी के कष्ट से अनभिज्ञ है
और कोई उसकी अनभिज्ञता से आहत…
उसका उदासीन होना ही मृत्यु है
उसे भूलना ही जीवन…
उसे याद रखना
स्वयं का दोहन है
स्वयं का शोषण है😅