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7 Mar 2024 · 1 min read

कभी कभी प्रतीक्षा

कभी कभी प्रतीक्षा
एक भटकाव है
एक भ्रम है
भूल है
जो एकतरफा है
वो घातक है
जो घातक है वो तत्क्षण त्यागने योग्य है
क्योंकि
वो किसी के कष्ट से अनभिज्ञ है
और कोई उसकी अनभिज्ञता से आहत…
उसका उदासीन होना ही मृत्यु है
उसे भूलना ही जीवन…
उसे याद रखना
स्वयं का दोहन है
स्वयं का शोषण है😅

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