कभी-कभी।
याद तो हमेशा रहेगा ये,
कि हम कभी मिले थे,
आज है जो बस ख़्वाबों में,
कभी हकीकत के सिलसिले थे,
कुछ वक्त जो साथ गुज़ारा हमने,
और साथ में थे कुछ पल जिए,
दिल में हमेशा जगमगाएंगे,
उन बीती यादों के जलते दिए,
कोई रिश्ता यहाँ स्थायी नहीं,
रह जाता है बाकी सिर्फ एहसास,
कभी-कभी तो लगता है यूं भी,
कि हो अब भी तुम मेरे पास।
कवि- अंबर श्रीवास्तव।