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12 May 2024 · 1 min read

कब रात बीत जाती है

अश्कों को बहाकर कब रात बीत जाती है,
भींगा हो तकिया तो औकात दिख जाती है।
आँसुओं से बयां करते है मोहब्बत अपनी
कभी कलम और कागज जज्बात लिख जाती है।

कोरा कागज जैसे स्याही से भर जाता है,
कभी आँसू की बूँदें भी कागज पर छलक जाता है।
खुद के आँखों के अश्क़ भले सुख जाते है
पर लिखावट से दूसरों का दर्द बाहर आ जाता है।।

Language: Hindi
101 Views
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