कब मरा रावण
कब मरा रावण—
रावण मरा नही
मार्याद बाणों का प्रहार
रावण राम से युद्ध गया हार ।।
चला गया छोड़ शरीर
करने कुछ पल बिश्राम
त्रेता में गया द्वापर में
आंशिक लिया अवतार।।
द्रुत क्रीड़ा नारी का दांव
भाई भाई में द्वेष घृणा
रिश्तो की मार्याद टूटी
रिश्ते रिश्तों के शत्रु का
रावण अंश अवतार।।
कलयुग में रावण का पूर्ण
अवतार त्रेता में रावण ने
माता सीता का हरण किया
अशोक बाटिका में रखा ससम्मान।।
कलयुग में घर घर मे रावण
रिश्ते करते रिश्तो का शोषण
शर्म शील संकोच कलयुग में
रावण का हथियार।।
कन्या जिसे पूजते नवदुर्गा
नव रूपों में कलयुग का
रावण करता बलात्कार।।
घर घर रावण गली मोहल्ले
गांव नगर में रावण कन्या नारी
पूछती कहाँ कब मरा रावण।।
रावण ने बिभीषन की सद्बुद्धि
भक्ति को मारी लात भाई के कारण
युद्ध गया हार।।
अब भाई भाई का शत्रु खून
मर्यादा रिश्तो को रौंदते लात
कहाँ मरा रावण पूछ रहा रिश्ता
समाज।।
रावण भक्त शंकर का ज्ञान
पुरुषार्थ पर्याय कलयुग भक्ति अब नौटंकी साधन संसाधन मार्ग।।
किसने लिखा मरा रावण
रावण ने पहन लिया चोला
ढोंग का कहलाता धर्म समाज
ठीकेदार।।
धर्म नाम पर हत्याएं बालात्कार
उग्र उग्रता धर्म परिभाषा पर्याय
आज युग विकृत रावण का इस्लाम।।
श्रेष्ठ और शक्ति का पर्याय
रावण का सिद्धान्त अहंकार
ताकत शक्ति का माप दंड
अन्याय अत्याचार।।
हत्या ,लूट ,डकैती, बलात्कार
भूषण, बिभूषण ही समाज राष्ट्र
राज्य राजनीति के कर्ण धार।।
क्या करेंगे एक राम
रावण का बहुमत लोकतंत्र
बहुमत का सम्मत राम नित्य
राम नाम सत्य करते जाते
श्मशान।।
रावण मरना शुख शांति
निर्भय अभय अक्षुण अक्षय
राष्ट्र समाज का राम राज्य।।
रावण निश्चय मरेगा जब मानव में
मानवता जागेगी प्राणि को प्राणि
पीड़ा का होगा एहसास।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश