कब तक सहन करेंगे हम सब माँ बहनों का यूँ अपमान।
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान।
इन्सानी काया में छुपकर
घात लगाता है शैतान
सोच पाशविक, कलुषित मानस
कौन सके इनको पहचान
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान ।
आज मिटा दें मिलकर हम सब
दानवता का नाम निशान
ऐसी सजा मिले पापी को
भय खाये हर एक शैतान
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान
बहुत किया है सहन आज तक,
लचर रहा कानून विधान
आज हमें खुद गढ़ना होगा
दुश्प्रवृत्ति को दण्ड विधान
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान।
नारी बने शक्ति रूपा फिर
बच्चा बच्चा राम समान
सोच बदल कर नैतिकता का
पाठ पढे अब हर इन्सान
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान।
भूल गया राणा प्रताप औ
वीर शिवाजी की पहचान
संस्कारों की खान रहा है
अपना प्यारा हिन्दुस्तान
कब तक सहन करेंगे हम सब
माँ बहनों का यूँ अपमान ।
अनुराग दीक्षित