कब आओगी वर्षा रानी
कब आओगी वर्षा रानी,
लेकर घट में भर-भर पानी।
सूखा अंबर, धरणी सूखी,
सूखा है संसार,
सूखे हैं सब बाग-बगीचे,
करे सभी पुकार,
जल्दी आ जा बन कर दानी,
लेकर घट में भर-भर पानी
कब आओगी वर्षा रानी।
बाहर है सूरत दादा का,
लंबा धाक,
झुलस रहे सब यहाँ-वहाँ,
जैसे लगी धरती पर आग,
अब न करो अपनी मनमानी,
लेकर घट में भर-भर पानी,
कब आओगी वर्षा रानी।
बादल भैया तुम भी आओ,
तुम भी आओ, तुम भी आओ,
सूरज दादा की गर्मी को,
दूर भगाओ,
देख रूठ गई वर्षा रानी,
लेकर घट में भर-भर पानी,
कब आओगी वर्षा रानी।
उमा झा🙏💕