Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2024 · 1 min read

कबीरा यह मूर्दों का गांव

कबीरा यह मूर्दों का गांव
उलटे पड़ेंगे सारे दांव…
(१)
फूल बांटने की कोशिश में
घायल होंगे तेरे पांव…
(२)
जैसे ही प्रेम-गीत गाएगा
करने लगेंगे कौए कांव…
(३)
जिनके लिए तू पेड़ बोएगा
छिन लेंगे वही तुझसे छांव…
(४)
सबको पार लगाने में ही
डूब जाएगी तेरी नांव…
(५)
सच के किसी साधक के लिए
बचा नहीं यहां कोई ठांव…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#Kabir #Nirgun #नसीहत
#निरगुन #निर्गुण_गीत #कबीर
#दार्शनिक_गीत #उपदेश #कटाक्ष

Language: Hindi
Tag: गीत
116 Views

You may also like these posts

बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
पूर्वार्थ
*हुआ गणेश चतुर्थी के दिन, संसद का श्री गणेश (गीत)*
*हुआ गणेश चतुर्थी के दिन, संसद का श्री गणेश (गीत)*
Ravi Prakash
परिवार
परिवार
Shashi Mahajan
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
छाव का एहसास
छाव का एहसास
Akash RC Sharma
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
बहादुर बेटियाँ
बहादुर बेटियाँ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जमाने के तजुर्बे ने
जमाने के तजुर्बे ने
RAMESH SHARMA
चाकरी (मैथिली हाइकु)
चाकरी (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
श्रीकृष्ण शुक्ल
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
ललकार भारद्वाज
तेरे शहर में
तेरे शहर में
Shyam Sundar Subramanian
ज़ख्मों की गहराई
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
अमृत
अमृत
Rambali Mishra
देखो आया जादूगर
देखो आया जादूगर
Dr. Kishan tandon kranti
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
हिंदी का वैभव
हिंदी का वैभव
Abhinesh Sharma
मैंने देखा है
मैंने देखा है
Bindesh kumar jha
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
यूँ तो...
यूँ तो...
हिमांशु Kulshrestha
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
संघर्षी गीत
संघर्षी गीत
Arvind trivedi
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
Loading...