Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2023 · 1 min read

**कफ़न में दफन हुस्न**

**कफ़न में दफन हुस्न**
********************

कफ़न में ये दफन हुस्न है,
चंद सांसों से ही चमन है।

जब से लगी हमें दिल्लगी,
दिल में न चैन न अमन है।

क्यों इठलाती गोरे रंग पर,
गोरा रंग हो जाना गमन है।

दिल से जियो ये जिन्दगी,
नहीं तो धरती पर वजन है।

झूठा दिखावा है चकाचौंध,
काम आए किया भजन है।

माया,लोभ,क्रोध मनसीरत,
जानलेवा रूपवान हसन है।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत संभाल कर रखी चीजें
बहुत संभाल कर रखी चीजें
Dheerja Sharma
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Santosh kumar Miri
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
हृदय द्वार (कविता)
हृदय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
2625.पूर्णिका
2625.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"तेरी याद"
Pushpraj Anant
कैसे भूलूँ
कैसे भूलूँ
Dipak Kumar "Girja"
बेजुबानों से प्रेम
बेजुबानों से प्रेम
Sonam Puneet Dubey
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
"कौन अपने कौन पराये"
Yogendra Chaturwedi
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
Monika Arora
नववर्ष का नव उल्लास
नववर्ष का नव उल्लास
Lovi Mishra
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
♥️
♥️
Vandna thakur
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*प्यार तो होगा*
*प्यार तो होगा*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
दोनों हाथों से दुआएं दीजिए
Harminder Kaur
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Neeraj Agarwal
"क्रान्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
Loading...