Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
277 Followers
Follow
Report this post
7 Sep 2024 · 1 min read
” कद्र “
” कद्र ”
जो तेरे पास है उसकी कद्र करो यारों,
आसमां को भी जमीं नामोनिशान न मिला।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 24 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
कृष्ण कुंवर ने लिया अवतरण
राधेश्याम "रागी"
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
तितलियां
Adha Deshwal
जय मां शारदे
Mukesh Kumar Sonkar
2858.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Infatuation
Vedha Singh
" from 2024 will be the quietest era ever for me. I just wan
पूर्वार्थ
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
Atul "Krishn"
सत्य की खोज
Mamta Rani
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम हैं अनन्त उनमें
The_dk_poetry
अपना मन
Neeraj Agarwal
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
अनिल "आदर्श"
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"दर्द के फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
मसल कर कली को
Pratibha Pandey
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिकवा नहीं मुझे किसी से
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
Loading...