Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2021 · 1 min read

कथित ‘उपवास’ रखने से बचिए !

सावन भर मुर्गी-मछली या लहसून-प्याज नहीं खाये, किन्तु जैसे ही सावन पूर्णिमा खत्म हुई कि अगले दिन लोग इनसब चीजों पर ऐसे टूट पड़ते हैं, जैसे- घाव को देखकर मक्खी व एक माह तक इन सब चीजों को किसी तरह बर्दाश्त किए हुए थे ! हद हो गई, भाई ! यह कौन-सी आस्तिकता है ? कौन-सी धार्मिकता है ?

हर दिन गिनते थे, कि अब सावन 10 दिन बचा है, 6 दिन बचा है, 2 दिन बचा है । दो दिन बाद धुक्कड़ मांस-मछली खाएंगे, क्यों? आजकल फ़ैशनेबल ‘उपवास’ हो गया है ! पहले यह एक कथित उच्च जातिवाली उपवास करती थी, अब तो धनी बैकवर्ड और एससी महिलाएँ भी नहीं, पुरुष भी करती हैं।

प्राचीन उपवास में उपवासवाले दिन से एक दिन पहले ‘अरवा’ यानी बिना नमक के ‘अरवा’ भोजन ही किये जाते थे, फिर उपवासवाले दिन ‘सूर्यास्त’ तक जल तक ग्रहण किए बिना उपवास रहते थे यानी निर्जला, फिर उपवास फलाहार से तोड़ते थे !

अब डिजिटल उपवास हो गया है… कई तो घर में काम के डर से ‘मंगलवार’ और ‘गुरुवार’ को उपवास रहते हैं…. यह विचित्र उपवास है…. सिर्फ़ नमक और मांसाहार नहीं करेगी, किन्तु दिनभर मखाना खाएगी, मूँगफली खाएगी, काजू खाएगी, सेब खाएगी, केले खाएगी और मौका मिला तो रसगुल्ला भी खा जाएगी । पानी तो दिनभर लेंगी ही लेंगी, फिर निर्जला कहाँ रही ! ….यानी चित्त भी उनकी, पट भी ! ऐसे ‘मनमानी नियम’ इन डिजिटल उपवासव्रतियों के पास होते हैं ! यह छद्म उपवास है, कथित उपवास है, ऐसे उपवास रखने से बचिए ! यह तो मुँह में राम, बगल में छुरी जैसी है !

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Mera wajud bus itna hai ,
Mera wajud bus itna hai ,
Sakshi Tripathi
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तिरी खुबसुरती को करने बयां
तिरी खुबसुरती को करने बयां
Sonu sugandh
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
Sanjay ' शून्य'
धरा
धरा
Kavita Chouhan
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
3247.*पूर्णिका*
3247.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
सपनों का अन्त
सपनों का अन्त
Dr. Kishan tandon kranti
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
Sukoon
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
कृष्ण जन्म
कृष्ण जन्म
लक्ष्मी सिंह
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
हमारा सफ़र
हमारा सफ़र
Manju sagar
धर्म और संस्कृति
धर्म और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
Loading...