Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

कठिनाइयाँ डरा रही है

कठिनाइयाँ डरा रही है मत पिघला चट्टान को।
काँप उठा फिर गगन रोके ना कोई अरमान को।

रूकना ही नहीं, थकना ही नहीं, झुकना ही नहीं,
अभी और हवा देगे हम चाहतों की उड़ान को।

है जो वक्त बुरा और कातिल भी सामने तो क्या,
हौसला के दम पर उड़ेगें अगम्य आसमान को।

राहों में तो रोज ही मुश्किलें मिलती रही हमें,
हम तो कल भी थे आज भी खड़े हैं इम्तिहान को।

राह में ना रूकेगी कभी है लक्ष्य पर निगाहें,
आने ना दूँ कभी भी पैर या मन में थकान को।

ख्वाहिशें ये बुलंदियों की कभी भी छोड़ते नहीं,
जबकि जानते हैं सब ही यहाँ शिखर के ढलान को।

है तन्हा गुदड़ियों में अभी कलंदर – सी जिन्दगी,
अपनी मुट्ठी में कैद कर लूँ मगर इस जहान को।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
81 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चोट
चोट
आकांक्षा राय
दिल कि गली
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
काव्य का राज़
काव्य का राज़
Mangilal 713
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मनके मन की साधना,
मनके मन की साधना,
sushil sarna
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
सुबह हर दिन ही आता है,
सुबह हर दिन ही आता है,
DrLakshman Jha Parimal
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
पूर्वार्थ
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
Sonam Puneet Dubey
" गुजारिश "
Dr. Kishan tandon kranti
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिन्दगी जीना बहुत ही आसान है...
जिन्दगी जीना बहुत ही आसान है...
Abhijeet
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
Ajit Kumar "Karn"
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.
.
*प्रणय प्रभात*
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
Manoj Mahato
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
Neelofar Khan
ये तुझे पा लेने की चाहत ही है।
ये तुझे पा लेने की चाहत ही है।
Rj Anand Prajapati
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिन्दगी थक जाएगी तूँ भी
जिन्दगी थक जाएगी तूँ भी
VINOD CHAUHAN
सुंदर विचार
सुंदर विचार
Jogendar singh
Loading...