Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2024 · 1 min read

कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।

कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
इस जीवन की उतार चढ़ाव में उम्र कितने बीत जाते हैं।।

@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बुरा समय
बुरा समय
Dr fauzia Naseem shad
2643.पूर्णिका
2643.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
Neelofar Khan
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
Buddha Prakash
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
बरकत का चूल्हा
बरकत का चूल्हा
Ritu Asooja
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
ये तो जोशे जुनूँ है परवाने का जो फ़ना हो जाए ,
ये तो जोशे जुनूँ है परवाने का जो फ़ना हो जाए ,
Shyam Sundar Subramanian
डारा-मिरी
डारा-मिरी
Dr. Kishan tandon kranti
समसामायिक दोहे
समसामायिक दोहे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
पंकज परिंदा
अनमोल मोती
अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
The only difference between dreams and reality is perfection
The only difference between dreams and reality is perfection
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*प्रणय प्रभात*
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
VEDANTA PATEL
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
Loading...