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22 Sep 2019 · 1 min read

और यही हमारा रामराज्य वाला देखो सरकार है !

अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का
विपक्ष में बैठे थे तो, थे बेटियों के पहरेदार।

तब बढ़-बढ़ कर बताते कभी थकते नही थे
बेटियों के इज्जत का खुद को चौकीदार।

चूड़ियाँ भेजा था कभी सरदार को उपहार में
बेटी बचाओ नारा पे हए थे जो कभी थानेदार।

अबके बलात्कारियों के बने बैठे हैं वो खेवन हार
कौन रौंदा, कौन कुचला गया इससे नही दरकार है।

इस सरकार को बस इस बात से दरकार है
कैसे उन्हें बोल गया रामराज में बदकार।

द्रोपदी अब दिखती है, हर गली चौराहे पे
मंदिरों के भी पवित्र आंगन के चौबारे में।

दुर्योधन, दुशासन छिपे हैं भगवा के आड़ में
दोमुहे दोगले सफ़ेदपोशों के व्यवहार में।

उपर से निचे तक सभी के सभी मौन हैं
पूछते बस तुम बताओ व्यभिचारी कौन है ?

संसद तो भरी परी है अबके औरतों के नामों से
फिर भी, बेटियों की इज्जत गौण है-गौण है।

हर प्रश्न को दूजे प्रश्न पे उछालना, ललकारना
सामने वाले को सत्तर सालों के गालों पे तौलना।

यही खेल बस इन हकीमों का अब तो दरकार है
और यही हमारा रामराज्य वाला देखो सरकार है !
… सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 197 Views
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