Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2024 · 1 min read

और मौन कहीं खो जाता है

दर्द -एक आम आदमी का
एक आम आदमी का – दर्द
गीली लकड़ी में लगी
आग सा होता है

लपट तो कम होती है
घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता है
मन की बात ठीक से
सुलगती भी नहीं
बार बार फूँक मार के भी
सिर्फ़ चिंगारियाँ चटकती हैं
दहक ही नहीं पाती है

मिट्टी तेल तो
लहू से भी महँगा है
मन जब भी थोड़ा सुलगता है
सर्द मन का बेबस दर्द
गीली लकड़ी की ही तरह
बस चिंगारियाँ ही चटकाता हैं

दहकने की कोशिश में
सिर्फ़ खून है जो जल जाता है
और फिर मन मार के “मन “
एक गहरे धुँये में
मौन कहीं खो जाता है

~ अतुल “कृष्ण”

115 Views
Books from Atul "Krishn"
View all

You may also like these posts

बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
पिता वह व्यक्ति होता है
पिता वह व्यक्ति होता है
शेखर सिंह
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
Sunil Maheshwari
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
Nitesh Chauhan
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक 4
मुक्तक 4
SURYA PRAKASH SHARMA
क्या कहें
क्या कहें
Padmaja Raghav Science
Reaction on RGKAR medical college incident
Reaction on RGKAR medical college incident
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
तितली
तितली
Mansi Kadam
रिश्ता निभाता है कोई
रिश्ता निभाता है कोई
Sunil Gupta
- आंसुओ की कीमत -
- आंसुओ की कीमत -
bharat gehlot
एक संदेश
एक संदेश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3841.💐 *पूर्णिका* 💐
3841.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
------------जिससे जितने संयोग मिलेंगे------------
------------जिससे जितने संयोग मिलेंगे------------
पूर्वार्थ
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शीर्षक -नव वर्ष स्वागत
शीर्षक -नव वर्ष स्वागत
Sushma Singh
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
एक मुलाकात
एक मुलाकात
PRATIK JANGID
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
Rituraj shivem verma
तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
हिमांशु Kulshrestha
कुआँ
कुआँ
Dr. Vaishali Verma
हमराही हमसफ़र मेरे,
हमराही हमसफ़र मेरे,
Radha Bablu mishra
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
अन्तर मन में उबल रही  है, हर गली गली की ज्वाला ,
अन्तर मन में उबल रही है, हर गली गली की ज्वाला ,
Neelofar Khan
देखि बांसुरी को अधरों पर
देखि बांसुरी को अधरों पर
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हिन्दी दोहा-विश्वास
हिन्दी दोहा-विश्वास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...