और आगे बढ़ो..!
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कह रही हैं माॅं की ममता।
जल्दी उठो और आगे बढ़ो।।
नन्हें-प्यारे बच्चें हो तुम।
बच्चें मन के सच्चे हो तुम।
कहना माॅं का न टालो तुम।
जल्दी सोचो और आगे बढ़ो।।
कह रही हैं माॅं की ममता।
जल्दी उठो और आगे बढ़ो।।
न हो कच्ची हिम्मत कभी।
नींव बनाओं पक्की अपनी।।
हैं वो अधूरा सपना अभी।
जल्दी करो और आगे बढ़ो।।
कह रही हैं माॅं की ममता।
जल्दी उठो और आगे बढ़ो।।
तेज हैं कितना दौर समय का।
कर दो पीछे समय को तुम।।
भार हैं भारत के भविष्य का।
जल्दी चलो और आगे बढ़ो।।
कह रही हैं माॅं की ममता।
जल्दी उठो और आगे बढ़ो।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल
===*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*===
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