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26 Aug 2024 · 1 min read

औरों के लिए जो कोई बढ़ता है,

औरों के लिए जो कोई बढ़ता है,
औरों का दु:ख-दर्द जो समझता है,
वो परवाह अपनी कभी नहीं करता है,
अगला हर एक कदम उसकी क्षमता है।

…. अजित कर्ण ✍️

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