Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

“औरत”

“औरत”
पुरुष जीता फकत वहम से है,
सारी रौनकें तो औरत के दम से है।
बच्चे जनती हर तहजीब सिखाती,
फिर भी आँखें उनकी नम से है।

2 Likes · 2 Comments · 46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Bus tumme hi khona chahti hu mai
Sakshi Tripathi
सवा सेर
सवा सेर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेडी परतंत्रता की 🙏
बेडी परतंत्रता की 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
नन्हीं परी आई है
नन्हीं परी आई है
Mukesh Kumar Sonkar
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
"आइडिया"
Dr. Kishan tandon kranti
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
3048.*पूर्णिका*
3048.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
'बेटी की विदाई'
'बेटी की विदाई'
पंकज कुमार कर्ण
*वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)*
*वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
बाल कविता: वर्षा ऋतु
बाल कविता: वर्षा ऋतु
Rajesh Kumar Arjun
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
■ कमाल है साहब!!
■ कमाल है साहब!!
*प्रणय प्रभात*
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सोच के रास्ते
सोच के रास्ते
Dr fauzia Naseem shad
शायद आकर चले गए तुम
शायद आकर चले गए तुम
Ajay Kumar Vimal
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Loading...