“औरत”
“औरत”
मैं तो औ की मात्रा ठहरी
जो औरत पर आती हूँ,
अगर हो जाये बीमार कोई
औषधि भी बन जाती हूँ।
किस मिट्टी की बनी होती
न जाने ये औरत,
उनके सारे कामकाज देख
होती है बड़ी हैरत।
“औरत”
मैं तो औ की मात्रा ठहरी
जो औरत पर आती हूँ,
अगर हो जाये बीमार कोई
औषधि भी बन जाती हूँ।
किस मिट्टी की बनी होती
न जाने ये औरत,
उनके सारे कामकाज देख
होती है बड़ी हैरत।