Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2022 · 2 min read

औरत तेरे रूप अनेक

बेटी बन कर तुमने अपने।
पिता का घर महकाया है
भाई की सूनी कलाई को ।
राखी से तुमने सजाया है ।

बाबा, दादी, चाचा, चाची ।
ताऊ, ताई की प्यारी थी ।
सब कहते हुए न थकते थे ।
तुम उनकी राज दुलारी थी

तितली बनकर जो उड़ती थी ।
अपने घर के ,हर कोने कोने में ।
ससुराल पहुंच कर वो बेटी ।
फिर सिमट गई एक कोने में।

बेटी से फिर वो बहू बनी ।
बहना छूटी तो नन्द मिली।
भाई छूटे तो जेठ मिले
फिर नई कहानी शुरु हुई ।

भाभी, चाची , मामी, काकी ।
रिश्ते तो यहां पर अनेक मिले ।
न जाने कितने नाम मिले ।
पर अपना न कोई वजूद मिला ।

रिश्ते तो उसे अनेक मिले।
पर हर रिश्ता बस नाम का था।
जिसको वो अपना कह सके ।
ऐसा न कोई पास में था ।

जब पहली बार वो मां बनी ।
मानो खुशियों का उसे संसार मिला।
बच्चे के आने की आहट से ।
तन और मन उसका निखर गया ।

फिर जैसे उसको बेटी हूई ।
घर में सबके मुंह लटक गए
वो अपनी बेटी को गोद लिए।
सबके ताने को सुनती रही

मां की ममता को किसी ने न सोचा।
सब अपनी अपनी कहते रहे ।
सबके लिए वो खड़ी रहे ।
तो बहुत ही अच्छी लगती है ।

जरा अपने लिए जो खड़ी हुई
वो औरत सबसे बुरी है ।
क्या औरत की यहीं कहानी है ।
होंठों पे हसीं और आंखों में पानी है

मायके वाले कहते हैं कि बेटी पराया धन है । और ससुराल वालों के लिए पराए घर से आई है ।क्या एक औरत की यहीं कहानी है ।
रूबी चेतन शुक्ला। लखनऊ नोट – जो मैंने अपने आस पास देखा और महसूस किया वहीं लिख दिया

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हकीकत
हकीकत
dr rajmati Surana
नानी का घर
नानी का घर
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
Phool gufran
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
" स्वर्ग "
Dr. Kishan tandon kranti
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
मैं अकेला महसूस करता हूं
मैं अकेला महसूस करता हूं
पूर्वार्थ
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
Ansh Srivastava
कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार ।
कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार ।
sushil sarna
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
11) “कोरोना एक सबक़”
11) “कोरोना एक सबक़”
Sapna Arora
तुम
तुम
हिमांशु Kulshrestha
जीवन और जिंदगी
जीवन और जिंदगी
Neeraj Agarwal
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
दस रुपए की कीमत तुम क्या जानोगे
दस रुपए की कीमत तुम क्या जानोगे
Shweta Soni
मोहब्बत
मोहब्बत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
सत्ता
सत्ता
DrLakshman Jha Parimal
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
समन्वय
समन्वय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
जागे जग में लोक संवेदना
जागे जग में लोक संवेदना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ظاہر ہے اس سے دیکھئے عظمت رسول کی
ظاہر ہے اس سے دیکھئے عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
हुए प्रकाशित हम बाहर से,
Sanjay ' शून्य'
हर शख्स तन्हा
हर शख्स तन्हा
Surinder blackpen
Loading...