“औरत का घर “
प्रिया ने राज से करीब 13 साल पहले परिवार से बगावत करके शादी की थी अभी उसके दो बच्चे हैं पर कुछ था जो आज प्रिया को बहुत खटक रहा था
उसकी इस शादी मे बहुत उतार चढ़ाव आये पर आज उसने राज का घर छोड़ दिया l
और जब वह अपने मायके आई तो मायके मे उसके मम्मी पापा थे उन्होने प्रिया को समझाया की राज को ऐसा नही करना चाहिए था l घरेलू हिंसा का शिकार हुई थी प्रिया…
जाती भी तो कहा उसके पास तो अपना कहने के लिए उसका मायका ही था सो प्रिया मायके आ गई l
कुछ दिनो तक तो सब ठीक था पर आज उसके बड़े भाई का फ़ोन या तो बाते सुनकर वह दुविधा मे थी उसके भाई ने कहा की मम्मी पापा जब तक हो तब तक देखोगे उसके बाद मे तो नही देखुगा सब अपने परिवार मे व्यस्त हो जायेंगे ये वही भाई है ज़िसकी अभी शादी भी नही हुई ….
प्रिया सोच मे थी की ज़िन लोगो के बारे मे गलत बोलने पर वह अपने पति से लड़ लेती थी आज वही कह रहे है की बहन तू खुद लड़ अपने लिए पति के घर पर रहकर अपने लिए मम्मी पापा कब तक रहेंगे….
प्रिया चाहती तो सब कुछ सहन करके पति के साथ रहती वह तो ये सब 13 सालों से सहन ही कर रही थी पर जब मायके मे बात होने लगी तो प्रिया की बातों मे बगावत थी जो राज से बर्दास्त नही हुई…
प्रिया सोच रही थी की खून के रिश्ता ऐसा भी होता है क्या राखी का कोई मोल नही l
राज ने प्रिया को कहा था की मेरी घर रहना है तो मेरी हिसाब से रहो और जब प्रिया मायके गई तो मम्मी ने फ़ोन करके भाई को बताया की प्रिया तो अभी अपने घर पर है उसके घर से आ गई और प्रिया ये नही समझ पा रही थी की आखिर उसका घर कौन सा है….सच मे औरतो का घर होता ही नही