औरतें
#औरतें
हिमगिरि की चोटियों पे धूप सी ठहरी औरतें।
क्षीर- सिन्धु के भँवर सी ख़ामोश गहरी औरतें ।
सुबह के झरने सी वो तो,खिलखिलाती हैं सदा।
बर्फ़ के टीलों की जैसे शीत लहरी औरतें।
रोज़ ही घर -बाज़ारों में, दफ़्तरों में, खट रहीं,
कर्त्तव्य के अधि- ताप में तपकर निखरी औरतें ।
नीलम शर्मा ✍️