ओ हर देवता हरे
ओ हर देवता हरे….
पखरा के पिरावत ले ददा, मुड़ म तोला बोहे रहिस,
कन्हिया के नवत ले दाई, कोख म तोला पोटारे रहिस,
ओ हर देवता हरे…. जेन अतका जोखिम तोर खातिर उठाए रहिस,
कभू रात में जगवारी, ता कभू दिन में ददा बेंद्रा कस नाचे रहिस
दाई सुखा कोती तोला सोवाके, कइचा जठना म अपन सोए रहिस,
ओ हर देवता हरे…. जेन अतका जोखिम तोर खातिर उठाए रहिस,
तोर मया म पैसा ला घलो पानी कस बोहवाय रहिस,
कदे आषाढ़, कदे बैशाख म दाई अछरा म तोला पोटारे रहिस,
ओ हर देवता हरे…. जेन अतका जोखिम तोर खातिर उठाए रहिस,
मोर आंखी के तारा कहिके, हर सऊख ला तोर पुरोए रहिस,
तीजा, दसराहा, हर देवारी तिहार म सूती के कुर्ता सिलवाए रहिस,
ओ हर देवता हरे…. जेन अतका जोखिम तोर खातिर उठाए रहिस,
बात सिरागे, बछर भुलागे ननपन ले बाढ़ के आज सियान होगे हस,
गांव ले दुरिहा के, दाई-ददा ले अलगा के शहर म उड़त पंड़री चचान होगे हस,
घर में परे हे दाई ददा मन मुरझाए, अऊ अऊ चार पैसा ला कमा के का आज भगवान होगे हस,
का इही दिन अऊ इही पीरा बर, दाई ददा तोला छेछड़ा बेटा बियाय रहिस,
छिन भर बर घलो कभू, का कम मया बरपाये रहिस,
ओ हर देवता हरे…. जेन अतका जोखिम तोर खातिर उठाए रहिस,
रेवाराम बांधे
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