Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2020 · 1 min read

ओ हमनवां यारा

ओ हमनवा यारा मेरे , एक शाम उधार दे दे
जिन्दगी फिसल रही , एक शाम बहार दे दे
बीत गये सावन अनेक , पर तू छिपा कहाँ
मृगनयनी सी भटकूँ मैं , ढ़ूढूँ तुझे यहाँ वहाँ

पलक मेरे रहे उन्मीलित , बस निहारू तुम्हें
तू मैं हो जाए और मैं तू , रूप संवार दे दे

अम्बर अवनि सम मेल , बन जाऊँ क्षितिज
छटके मन उर्मि छटा , पुलक बन्ध शिथिल
जीवन पाये आकार , ऐसा बन जा साहिल
नयन में रहे मंजर तेरा , बन जा ते साहिब

अधर मेरे रहे अधखुलित , जो पुकारू तुम्हें
नीर पयसम मिल जाऊँ , इश्क ज्वार दे दे

Language: Hindi
70 Likes · 558 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
आंधी
आंधी
Aman Sinha
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
***** सिंदूरी - किरदार ****
***** सिंदूरी - किरदार ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
थोड़ा नमक छिड़का
थोड़ा नमक छिड़का
Surinder blackpen
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
💐प्रेम कौतुक-380💐
💐प्रेम कौतुक-380💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
समस्या
समस्या
Neeraj Agarwal
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
Dr fauzia Naseem shad
"गुलशन"
Dr. Kishan tandon kranti
■ समझदारों के लिए संकेत बहुत होता है। बशर्ते आप सच में समझदा
■ समझदारों के लिए संकेत बहुत होता है। बशर्ते आप सच में समझदा
*Author प्रणय प्रभात*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Tum ibadat ka mauka to do,
Tum ibadat ka mauka to do,
Sakshi Tripathi
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
रूप से कह दो की देखें दूसरों का घर,
पूर्वार्थ
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
मन के भाव हमारे यदि ये...
मन के भाव हमारे यदि ये...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
Loading...