Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2021 · 1 min read

ओ बैरिया तेरी बैरन प्यासी..

ओ बैरिया तेरी …बैरन प्यासी …2

बहुत दिनों से दर नहीं भटके ..
बैरन रहत उदासी ….

ओ बैरिया तेरी बैरन प्यासी ..2

दिन बतियों के बीत गए हैं ..
बहुत तुम्हें हम याद किये हैं ।
अब तो आजा ..याद में तेरी ..
हमने भी ढेरों जुल्म सहे हैं ।।

ओ बैरिया तेरी .. बैरन प्यासी …2

याद तुझे क्या अब नहीं आती ..
कहता था पहले क्यों जल्दी आती ।
विरह में तेरी …..सजना हमने
लाखों आंसू पिये हैं ।।

ओ बैरिया तेरी ..बैरन प्यासी ..2

हुई जोगिनी तेरे प्यार में .
तूने भी मुझको राह में छोड़ा ।
तुझसे प्यार का मिला सिला ये ..
शिकवे – गिले गैरों से हैं ।।

ओ बैरिया तेरी …बैरन प्यासी ..2

बहुत दिनों से..दर नहीं भटके ..2
बैरन रहत उदासी … ओ बैरिया तेरी बैरन प्यासी…

10 Likes · 63 Comments · 781 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सृष्टि
सृष्टि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज समझी है ज़िंदगी हमने
आज समझी है ज़िंदगी हमने
Dr fauzia Naseem shad
■ वक़्त का हर सबक़ एक सौगात।👍
■ वक़्त का हर सबक़ एक सौगात।👍
*Author प्रणय प्रभात*
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
Harminder Kaur
मन
मन
Ajay Mishra
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
ओसमणी साहू 'ओश'
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
"लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में
Dr MusafiR BaithA
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
.
.
Ms.Ankit Halke jha
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
Sarfaraz Ahmed Aasee
खामोश रहना ही जिंदगी के
खामोश रहना ही जिंदगी के
ओनिका सेतिया 'अनु '
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
देश भक्त का अंतिम दिन
देश भक्त का अंतिम दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3157.*पूर्णिका*
3157.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मोलभाव
मोलभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*शरीर (कुछ दोहे)*
*शरीर (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो
gurudeenverma198
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
Loading...