ओम के दोहे
रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार ।
अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।।
उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार ।
दर्शन करने राम का , ओम अड़ गये द्वार ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश
रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार ।
अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।।
उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार ।
दर्शन करने राम का , ओम अड़ गये द्वार ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश