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1 May 2024 · 1 min read

गर्म चाय

ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर,
पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं।

झीलों का पानी जम सा गया,
बूंदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं।

पंरिदें लताओं में दुबके हैं बैठे,
हवा में कुछ ठहरी हुई सी नमी है।

खामोशी से दिल ने जताया हमें,
मौसम सर्द, गर्म चाय की कमी है।

दिनांक :- ०९.०१.२०२१.

Language: Hindi
1 Like · 190 Views
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