ऑनलाइन लव
क्या वो मुझे छोड़कर चली गई..
कई दिनों से उसने मुझसे बात नही की थी
न फेसबुक पर कोई मैसेज, न व्हाट्सऐप पर और न ही फ़ोन कॉल
मैं हर रात उसके ऑनलाइन आने का इंतजार करता
कई कई बार उसकी प्रोफाइल पर विजिट करता
लगभग उसकी हर पोस्ट को हर फोटो को लाइक और कमेंट कर चुका था
आजकल सच में बहुत बेचैन था मैं
कहीं वो सच में मुझसे खफा तो नही
कहीं वो मुझे हमेशा के लिए छोड़कर तो नही चली गई
क्या ये सब जो मैंने किया वो मजाक था
क्या उसने एक ही झटके में इतनी सारी बातों को भुला दिया है या और कुछ..???
मेरी आँखों के सामने नवम्बर की सर्द रातें घूमने लगी
मुझे एकदम ठीक याद है
आज से बराबर एक साल पहले
13 नवम्बर को
रात साढ़े दस बजे मेरा फोन बजा था
फेसबुक पर मैसेज था – हाय
मैंने उत्सुकता से नाम पढ़ा- मालिनी
लड़की… मेरे मुँह से निकल गया
क्यों की लड़कियों के नाम से फेक एकाउंट्स की कमी नही है
वरना लडकियां तो फ्रेंड रिक्वेस्ट तक एक्सेप्ट नही करती आगे होकर
मैंने प्रोफाइल चेक करना शुरू किया
मालिनी घोष
ज्यादा पर्सनल डिटेल्स नही थी, फिर भी फ़ोटोज देखकर काफी कुछ अंदाजा लगाया जा सकता था।
पूरी तरह संतुष्ठ होकर मैंने भी हाय का जवाब दिया
मालिनी ने बताया की वो मेरी प्रोफाइल देखकर मुझसे बहुत प्रभावित हुई है..और इसलिए बात करना चाहती है
मैं मन ही मन खुश हुआ..चलो अच्छी बात है की हम किसी को तो रास आये
और फिर बातों का जो सिलसिला शुरू हुआ तो फिर कभी ख़त्म नही हुआ
रोज रात को हम घंटों फेसबुक पर चैटिंग करते
अब तो जैसे ये डेली का रूटीन बन गया था
मैं हरवक्त उसके ऑनलाइन आने का इंतजार करता
मेरे मैसेंजर के चैट हेड पर जैसे ही मिस मालिनी के मैसेज की आवाज गूंजती मेरे मन मन्दिर की घंटियां बज उठती
घंटों बातचीत चलती रहती, अब तो हम ये भी जानने लगे थे की एक दूसरे को क्या पसन्द है क्या नापसन्द…
बातें अक्सर हमारे पसन्दीदा टॉपिक्स पर ही होती.. लेकिन ऐसा कोई भी टॉपिक छूटा नही था जिसपे हमने बात न की हो
धर्म, समाज, पॉलिटिक्स, परिवार, रिलेशनशिप, प्यार, सेक्स,पढ़ाई, साहित्य, मूवी हर मुद्दे पर हमने घण्टों बातें की। हर मुद्दे पर
उसका पॉइंट ऑफ़ व्यू इतना जबरदस्त था की मैं जितना ज्यादा उसे जानने की कोशिश करता उतना ही उसमें डूबता जाता,
क्या बताऊँ मैं कितना दीवाना हो गया था उसका, मालिनी बड़ी आसानी से मेरा दिल जीत चुकी थी।
धीरे धीरे दोस्ती गहराती गई
नम्बर शेयरिंग और फिर फोटो शेयरिंग
और फिर व्हाट्सअप के बाद अब फोन कॉल्स
ये सब इतना जल्दी जल्दी कैसे हुआ मैं बता ही नही सकता
वो भी मुझे लेकर इतनी केयरिंग हो गई थी की अगर बिन बताये ऑनलाइन न आऊं तो फोन कर के हाल पूछती
और फिर हमने वीडियो कॉल किया। ये बिलकुल सरप्राइज गिफ्ट खोलने जैसा था
मेरे मन में डर था, क्या पता वो कैसी होगा या उसने मुझे पसन्द न किया तो…
लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ
ये रस्म भी निर्विघ्न सम्पन्न हुई
वह मुझसे रूबरू होकर काफी खुश नजर आ रही थी
एक रात बात करते हुए मैंने उससे कहा
मालिनी.. क्या हम सिर्फ फेसबुक फ्रेंड हैं
उसने कहा – तुम्हें ऐसा क्यों लगता है
मैंने कहा – बस ऐसे ही
उसने कहा – अच्छा
और स्माइली भेज दी
मैंने कहा- यार लोग यकीं नही करते की मैं एक साल से किसी से चैट पर और फोन पर रात दिन बातें करता हूँ जिसे की मैंने फेस टू फेस देखा तक नही है
उसने कहा – तुम्हें कहना क्या है?
जो भी कहना है साफ साफ कहो यार.. मुझे गोल गोल घूमने की आदत नही
पर मेरी हिम्मत नही हुई की सब सच सच बोल दूँ
मैंने सिर्फ इतना ही लिखा
…कुछ नही
अगली सुबह उठा तो मालिनी का मैसेज था –
बहुत अच्छे हो तुम ..
मैंने तुरन्त फोन घुमाया
हाय…. मीठी सी आवाज मेरे कानों में गूंजी
हैलो मालिनी..
बड़ी मुश्किल से शब्द मेरे अंदर से निकल पाए
पता है मुझे..
..कहो कैसे हो?.. मालिनी ने जैसे चहकते हुए पूछा
मैं अच्छा हूँ .. तुम कैसी हो?
मैंने पूछा
मैं भी ठीक हूँ
पर मेरे स्मार्टफोन को कुछ प्रॉब्लम है
इस वजह से रात को तुम से बात नही हो पाई… तुम चिंता मत करना शाम तक ठीक हो जायेगा
….ऑनलाइन रिश्ते में एक बड़ी खामी है..ये फटाफट रिप्लाई की बुनियाद पर टिका है.. दो दिन अगर रिप्लाई न मिले तो हम पता नही क्या क्या सोचने लगते हैं।
हम सामने वाले की भावनाओं का अनुमान चन्द लफ़्ज़ों और इमोजी से लगाते हैं।
अगर कोई आँखों में आंसू लिए भी स्माइली भेजे तो हमें अच्छा लगता है क्योकि वह हमारी आँखों के सामने नही होता है उस वक्त….
मैंने अपने दिल में उठ रहे तूफान को शांत करने का इरादा किया
शाम को उसके ऑनलाइन आने के वादे को ध्यान में रखकर मैंने एक पूरा लैटर टाइप किया और उसे भेज दिया
मालिनी..
मुझे नही पता तुम्हे कैसा लगेगा पर,
मैं अब इजहार किये बिना नही रह सकता
मालिनी मुझे तुमसे प्यार हो गया है.. बिना देखे वाला प्यार..
कहने को हमने एक दूसरे को रूबरू देखा नही है और न ही ज्यादा कुछ जानते हैं एक दूसरे के बारे में……लेकिन मालिनी हम एक दूसरे की रूह से वाकिफ हैं।
हमने घण्टों बातें की है और हमारी सोच भी कितनी मिलती हैं
मालिनी …आई लव यू
उस शाम के बाद उसका कोई रिप्लाई नही आया
और ना ही वो ऑनलाइन आई।
मैंने फेसबुक, व्हाट्सअप, ईमेल सब करके देख लिया
यहाँ तक की कॉल भी.. उसका फ़ोन बन्द आ रहा था
पूरा एक महीना बीत गया
मैं रोज ऑनलाइन उसके आने का इंतजार करता
सोचता…क्या वो मेरे इश्क बुलावे से नाराज हो गई? लेकिन क्यों..वो तो मुझमें इंटरेस्टेड थी…कम से कम उसे बताना तो चाहिए कि वो मुझे पसन्द नही करती।
काश..एक बार उससे बात करने को मिल जाये..मैं अपने मैसेज के लिए माफ़ी मांग लूंगा…
क्या पता वो मान जाये.. कोई ऐसा कैसे कर सकता है..
मैं बैठा सोच ही रहा था की तभी मेरा फोन बजा
फेसबुक पर मैसेज का नोटिफिकेशन था
मैंने खोल कर देखा
मालिनी का मैसेज था….
तुम बहुत अच्छे हो रोहन
तुमने वो कह दिया जो मैं कई दिनों से जो कहना चाह रही थी पर कह नही पाई..
मैं भी यही चाहती थी की तुम बोलो
मैं बहुत खुश हूँ रोहन..बता नही सकती मुझे कितना अच्छा लगा तुम्हारा मैसेज पढ़कर
जिस दिन मैंने ऑनलाइन आने का वादा किया था उसी शाम मेरा एक्सीडेंट हो गया था, मैं घर के बाहर टहल रही थी की तभी एक कार ने टक्कर मार दी, मेरे पैर की हड्डी टूटी है, और हाथ में भी फ्रेक्चर हैं, सर पे गहरी चोट आई है, 10 दिन तक हॉस्पिटल में भर्ती रही थी, और 2 दिन तक बेहोश भी, फोन का कुछ अतापता नही था, जब होश में आई तो जबान पर पहला नाम तुम्हारा था, और मेरी आँखों में आंसू थे , मुझे तुमपर यकीं था की तुम मुझे बेवफा नही कहोगे
अब जब ठीक हुई तो मैंने सबसे पहले तुम्हें मैसेज किया है, मुझे रिकवर होने में थोडा टाइम लग सकता है , तुम अपना ख्याल रखना
जल्द ही तुमसे बात करती हूँ..
आई लव यू
तुम्हारे बिना अधूरी हूँ मैं..
और आगे दो स्माइली बने थे….
नोट:- पहला प्रयास है ..क्षमा याचना सहित