ऐ वीर तुम्हें करते नमन!
उत्तराखंड का कह कर मैं,
कद तुम्हारा कम कर दूं,
सारा राष्ट्र,जिस पर बहा रहा है अश्रु
उसका कद मैं कैसे कम कर दूं,!
हां जब उत्तराखंडी कहलाते हो,
तो मैं भी गर्वित हो जाता हूं!
प्रथम सैनिक बन कर उभरे,
हुई शुरुआत तुम्हीं से ही,
नये फलक पर थे अरमान,
ये पहचान तुम्हारी थी,
दुश्मनों को दिया माकूल जवाब,
यह बात उन्होंने भी मानी थी!
सच्चे सपूत थे तुम भारत माता के,
अंतिम समय तक जुटे रहे,
भारत की सीमाओं की रक्षा करने की,
हर सम्भव कोशिश तुम करते रहे,
अपना अनुभव, अपना कौशल,
देने को भी तत्पर रहे,
इसी मुहिम की इसी ललक में,
तुम वायुयान से उड़ चले,
पर क्या पता था इस विधि विधान का,
जो उसने रच रखा था,
हाय, कैसे कालकल्पित हो गये तुम,
ऐसा ना कभी किसी ने सोच रखा था!
खाली कर गए उस स्थान को,
जो तुम पर ही जचता रहा,
छोड़ गए तुम उस मुहिम को,
जो पुरा भी तुम्हें ही करना था,
ये कैसी उड़ान भरी तुमने,
जो अब नहीं उतरने वाली ,
ले चले साथ में, अपने रणबांकुरों को,
और चली साथ में घरवाली भी ! !
भारत माता के सपूत, विपिन रावत, सेना के सर्वोच्च कमांडर को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, शहीद हुए सभी जांबाज देशभक्तों को नमन!