ऐ वतन!
ऐ वतन, ऐ वतन,
ऐ मेरे प्यारे वतन!
तू सलामत रहे सदा,
इतना ही मांगे मेरा मन।
ऐ वतन॥
मेरे खून का एक-एक कतरा
तुझ पर कुर्बान है ,वतन
मेरा तन, मन, धन सब अर्पण,
तेरे लिए ऐ प्यारे वतन।
ऐ वतन ॥
तू ऐसे ही फलती-फूलती रहे
सदा इस जहान में।
तू ऐसे ही हँसती -गाती फिरे
सदा इस जहान में।
तू ऐसे ही चहकती रहे,
सदा इस जहान में।
तू ऐसे महकती रहे
सदा इस जहान में।
ऐ वतन ॥
ऐसी ही सदा तू अपनी
खूशबू बिखेरती रहे,
कभी भी किसी की
नज़र न तुम्हें लगे।
ऐ वतन॥
देखेगा जो तुम्हारी तरफ
कोई बुरी नजर से,
कसम है तुम्हारी ऐ वतन,
मैं उसे पहना दूंगा कफन॥
ऐ वतन, तेरी आबरू पर ,
कभी आँच नही आने दूंगा,
चाहे पहना पड़े इसके लिए
मुझे ही क्यों नही कफन।
ऐ वतन, ऐ वतन ,
ऐ मेरे प्यारे वतन ।
तेरे लिए ले लूंगा
मैं सौ-सौ जन्म। ऐ वतन ॥
जय हिंद
~अनामिका