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24 Dec 2023 · 1 min read

ऐ ज़िन्दगी…!!

तुझको अपना कहकर भी क्यूँ भूल जाता हूँ मैं,
तुझ संग जीना चाहकर भी, क्यूँ तुझसे दूर जाता हूँ मैं..!!

तू मुझसे जुड़ी है या तुझसे कोई नाता है मेरा,
अगर तेरे बिना मैं नहीं तो आखिर.. क्या कहलाता हूँ मैं..!!

तेरे सफर मे शामिल हूँ मैं या मुझसे तेरा सफर है,
अगर चार दिनों की ज़िन्दगी है तो, खुलकर जीने से क्यूँ घबराता हूँ मैं..!!

किसी को ख़ुश देखकर क्यूँ चहक जाता हूँ मैं,
किसी को तकलीफ मे देखकर, क्यूँ तकलीफो से भर जाता हूँ मैं..
इंसान हूँ शायद इसीलिए… अपनेपन का रिवाज़ निभाता हूँ मैं…!!
❤️Love Ravi❤️

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 225 Views

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