ऐ उम्र
ऐ उम्र तुमने
मेरा बचपन को छिन कर
मेरा सकून ले लिया
एक ही तो था मेरे पास
कीमती खजाना
तुमने उसको भी छिन कर
मुझे कंगाल कर दिया।
दिखाकर तुमने जवानी की
झूठी चमक
बचपन वाली अल्लहड़ सी
वह हँसी छिन लिया
छिन कर बचपन मेरा
तुमने मुझे जवानी के
किस उलझन मे उलझा दिया।
~अनामिका