ऐसे दिल को लगाने से क्या फायदा
दिल लगाने से गर चैन मिलता नहीं
ऐसे दिल को लगाने से क्या फायदा।
उम्र भर के लिये जो निभा न सको
ऐसे रिश्ते बनाने से क्या फायदा ।।
पास दौलत तो है पर शराफ़त नही
दूसरों की नज़र में है इज़्ज़त नही
एक रोटी भी इज़्ज़त की खा न सको
ऐसी दौलत कमाने से क्या फायदा ।।
चाँद काफी न था चांदनी के लिए
घर जलाया मेरा रोशनी के लिए
रोशनी के लिये घर किसीका जले
ऐसे घर जगमगाने से क्या फायदा ।।
मैंने सोचा न था कसमें तोड़ेगा वो
इस कदर एक दिन मुँह भी मोड़ेगा वो
कसमें देकर किसीको निभा न सको
ऐसी कसमों को खाने से क्या फायदा।।
मैं वो आशिक नहीँ जो कि मर जाऊँगा
गिरके एकबार फिर से सम्हल जाऊँगा
चोट खाकर जो इंसा सम्हल न सके
उसको इंसा कहाने से क्या फायदा ।।
“योगी”जख्मों को अपने छिपा लेना तू
उसकी यादों को दिल में बसा लेना तू
जिसके दिल में तुझे अब मोहब्बत नहीँ
उसको दिल में बसाने से क्या फ़ायदा