ऐसा भी कुछ होता है क्या
ऐसा भी कुछ होता है क्या
हँसने वाला रोता है क्या
जिसको पहला प्यार हुआ हो
दोबारा फिर होता है क्या
माला बेच रहा फूलों की
सारे फूल पिरोता है क्या
सूखा पड़ा शज़र जो कब से
बीज शज़र के बोता है क्या
सारा दिन वो बकबक करता
सचमुच में वो तोता है क्या
जिसको मंजिल पानी होती
देर तलक वो सोता है क्या
जिसको छोड़ दिया अपनों ने
आँसू से गम धोता है क्या
साथ हमारे रहने वाला
साथ गमों में होता है क्या
जिसकी साख नहीं अच्छी है
और भला कुछ खोता है क्या
उँगली पकड़े साथ रहा चल
उस बूढ़े का पोता है क्या