ऐसा नहीं
कभी किसी से कड़वी बातें मत कहना
अपनों से यूँ खफा खफा से मत रहना।
हँसी बाँट दो सबको यदि तुम बाँट सको
अपना दर्द कभी भी किसी से मत कहना।
साथ नही दे सकता है कोई हर दुःख में
रोकर अपनी बात किसी से मत कहना।
लहर बदल लें रुख ऐसी कोशिश करना
सदा साथ लहरों के रुख पर मत बहना।
जिस ऊंचाई से न धरती दिखती हो
इतनी ऊँची इमारत में कभी मत रहना।
बात बात पर अपना रंग बदलता हो
ऐसे शख्स पर कभी भरोसा मत करना।।