ऐसा क्यों होता है?
चोट लगती है धड़कन में,
पर आंसू आंखों से बहती है।
ऐसा क्यों होता है?
नैना चलती चाल सब,
पर प्रेम दिल को होता है।
फंसाती मोह के जाल में यह नैना,
पर टुटता है जब फंडे मोह के,
दर्द सहता है यह दिल बेचारा।
ऐसा क्यों होता है?
कर्म करते हम अपने हाथों से,
पर बूरे कर्म का परिणाम,
सहता है यह दिल हमारा।
ऐसा क्यों होता है?
साहस दिखातीं सच्चाई,
पर निडर रहता है मिथ्या।
ऐसा क्यों होता?
हर कर्म में रोता दिल ही क्यों?
बेरोज़गारी शिक्षित हैं और
यहां काले अक्षरों का राज़ है।
चोर घुमते सरेआम बाजार में,
पर ,छुप के रहतीं हैं सेना।
ऐसा क्यों होता है?