Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2017 · 1 min read

ऐलान तो कर दो

ऐलान तो कर दो
.
1. सुनो, मुझ पे तुम एक एहसान तो कर दो।
बिछड़ कर बहुत खुश हूँ, आकर जरा परेशान तो कर दो।।
2. तुम्हें याद करते हुए, पूरी जिन्दगी गुजारी हैं।
याद करके मुझे भी कभी, जरा हैरान तो कर दो।।
3. एक बार फिर छोड़ देना, अपना बना के तुम मुझे।
बेताब हूँ मैं कबसे, जरा इंतजाम तो कर दो।।
4. मोहब्बत थी तुम्हें “रईस” से कभी, पर अब तो नहीं हैं।
एक बार ही सही खुले आम, जरा ऐलान तो कर दो।।
.
#my_creation
#shayar
#Mr_Khan

206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नालंदा जब  से  जली, छूट  गयी  सब आस।
नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस।
दुष्यन्त 'बाबा'
★आईने में वो शख्स★
★आईने में वो शख्स★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
Paras Nath Jha
💐प्रेम कौतुक-531💐
💐प्रेम कौतुक-531💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet kumar Shukla
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
कभी
कभी
हिमांशु Kulshrestha
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
समस्या
समस्या
Neeraj Agarwal
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
Suraj kushwaha
कुछ नही हो...
कुछ नही हो...
Sapna K S
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
24)”मुस्करा दो”
24)”मुस्करा दो”
Sapna Arora
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
पर्यावरण दिवस
पर्यावरण दिवस
Satish Srijan
सोचता हूँ  ऐ ज़िन्दगी  तुझको
सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उम्मीद रखते हैं
उम्मीद रखते हैं
Dhriti Mishra
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
gurudeenverma198
■ बोलती तस्वीर
■ बोलती तस्वीर
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
Rekha khichi
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक "रामपुर के रत्न" का लोकार्पण*
Ravi Prakash
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
Loading...