Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

ए हिन्द के निवासी

ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी |
हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की ||
ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा |
ढेर नीचे बारूद का, किस कदर जल जाएगा ||
गर जल गया तो समझो, कयामत आई |
एकता-ए-हिन्द पे आफत आई ||
इस एकता पे आंच न आने पाए |
मत झुका सिर, कट भले जाए ||
आज अभी, इसी वक्त संकल्प लीजिए |
एक रखें राष्ट्र, ये जयघोष कीजिए ||
ऊंचा रहे सदा तिरंगा देश का
ये मेरा-भारत-महान चाहती |
ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी
हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की ||

✍️_ राजेश बन्छोर “राज”
हथखोज (भिलाई), छत्तीसगढ़, 490024

Language: Hindi
1 Like · 277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजेश बन्छोर
View all
You may also like:
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम्हारे प्यार की ...
तुम्हारे प्यार की ...
Nazir Nazar
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
Shweta Soni
"क्यूं किसी को कोई सपोर्ट करेगा"
Ajit Kumar "Karn"
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
3229.*पूर्णिका*
3229.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
Krishna Manshi
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
Neelofar Khan
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
DrLakshman Jha Parimal
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
हे ईश्वर - ॥
हे ईश्वर - ॥
Ashwani Kumar Jaiswal
हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
Aditya Prakash
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
सफ़र ए जिंदगी
सफ़र ए जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
Ansh Srivastava
हौसला रखो
हौसला रखो
Dr. Rajeev Jain
यकीन
यकीन
Dr. Kishan tandon kranti
“कभी कभी ऐसा होता है….
“कभी कभी ऐसा होता है….
Neeraj kumar Soni
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
Loading...