ए हिन्द के निवासी
ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी |
हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की ||
ताक पे न रख वतन, ये कहीं गिर जाएगा |
ढेर नीचे बारूद का, किस कदर जल जाएगा ||
गर जल गया तो समझो, कयामत आई |
एकता-ए-हिन्द पे आफत आई ||
इस एकता पे आंच न आने पाए |
मत झुका सिर, कट भले जाए ||
आज अभी, इसी वक्त संकल्प लीजिए |
एक रखें राष्ट्र, ये जयघोष कीजिए ||
ऊंचा रहे सदा तिरंगा देश का
ये मेरा-भारत-महान चाहती |
ए हिन्द के निवासी, ए हिन्द के निवासी
हिन्दुस्तां है तेरी, तू हिन्दुस्तां की ||
✍️_ राजेश बन्छोर “राज”
हथखोज (भिलाई), छत्तीसगढ़, 490024