Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

ए भूख तूने ये क्या किया.?

ऐ भूख तूने ये क्या किया,
इंसान को, पेट तक सीमित कर दिया..।

ना दर्द दिखता, ना दिखती वेवशी,
हर किसी को अपना पेट भरने की पड़ी
दूसरों का निवाला, अपने मुँह में रख लिया
ऐ भूख तूने इंसान को, जानवर में तब्दील कर दिया..।

भरके सोया रात को,
दिन में खाली कर बैचेन कर दिया,
ऐ भूख तूने इंसान को,
फूटा घड़ा कर दिया..।

पेट अंधा कुआ है,
और मन है अतृप्त अंधी बाबडी
ना भरता कभी अंधा कुआ,
ना भरती कभी अतृप्त बाबड़ी.।

रात-दिन मिलाकर,
हर किसी को जीभ ने लालच में खड़ा कर दिया,
मन, बुद्धि, प्रज्ञा, विवेक को भी,
भूख तूने बेजान कर दिया..।

भूख मिटती कहाँ खजाने से,
ये तो और बढ़ती है स्वाद-स्वाद खाने,
भूख खत्म होती ईमानदारी शिष्टाचार से,
तूने इस विचार को मिट्टी में दफ़्न कर दिया,

ऐ भूख तूने ये क्या किया..???

प्रशांत सोलंकी
नई दिल्ली-07

191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
*आदर्श युवा की पहचान*
*आदर्श युवा की पहचान*
Dushyant Kumar
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
अभी ना करो कोई बात मुहब्बत की
अभी ना करो कोई बात मुहब्बत की
shabina. Naaz
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
डॉक्टर रागिनी
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
पूर्वार्थ
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
शिव आराध्य राम
शिव आराध्य राम
Pratibha Pandey
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
शेखर सिंह
साधारण असाधारण
साधारण असाधारण
Shashi Mahajan
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
Ravikesh Jha
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
Meenakshi Masoom
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
अंसार एटवी
असली – नकली
असली – नकली
Dhirendra Singh
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
'सुनो स्त्री'
'सुनो स्त्री'
Rashmi Sanjay
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
कविता - 'टमाटर की गाथा
कविता - 'टमाटर की गाथा"
Anand Sharma
Loading...