ए चांद कुछ तो विषेश है तुझमें
ए चांद कुछ तो विषेश है तुझमें
जिसने देखा अपना रब देखा तुझमें
सुहागन का वरदान हो
भाईदूज का चांद हो
ईद का पैगाम हो
चाहने वालों का अरमान हो
सौन्दर्य की पहचान हो
खूबसूरती का अंदाज हो
शीतलता का पर्याय हो
व्रत त्यौहार का आधार हो
चांद हो चांदनी हो
जीवन की हर शाम सुहानी हो
पूर्णिमा के चांद का संग हो
मन प्रफुल्लित खूबसूरत हर रंग हो
जीवन का अंधेरा दूर हो मन में नयी
उमंग हो… जीवन में खूबसूरत हर रंग हो….