ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
बड़े दिनों से ये निगाहें दीदार को तरसती हैं।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
बड़े दिनों से ये निगाहें दीदार को तरसती हैं।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश