एहसास..
कैसे कहूं इन हवाओसे,
उसकी महेक मुझ तक पहुंचा दे,
दूर क्यों है मूस को, मेरे इंतजार का
ये पैगाम उसे जरा बतादे।
उसकी हर नाराजगी में,
मुझे सजा दे,
उसकी हर खुशी के पलो में,
मुझको उसमे समा दे।
उसकी हर धड़कन की आवाज,
मुझ तक पहुंचा दे।
जब वो मुझे देख ना पाए तब,
उसको मेरा एहसास करवा दे।
खुश हु में उसके साथ,
हर पल निभाऊंगी उनके साथ,
वादा कर ए खुदा,
हर पल रहे उसके हाथो में मेरा हाथ।