भाव
विश्वासी हूँ,अपनापन बरकरार रक्खा हूँ।
अड़चनें लाख आए तोड़ने, शीशा थोड़े ही है। ।
विश्वास है, छुईमुई थोड़े ही है।
हवा का झोंका आए और मुरझा जाए। ।
ईश्वर चन्द्र
विश्वासी हूँ,अपनापन बरकरार रक्खा हूँ।
अड़चनें लाख आए तोड़ने, शीशा थोड़े ही है। ।
विश्वास है, छुईमुई थोड़े ही है।
हवा का झोंका आए और मुरझा जाए। ।
ईश्वर चन्द्र